भारतीय संविधान सामान्य ज्ञान 1500 प्रश्न उत्तर Part 14
1301 भारत के किस राज्य में प्रथम महिला राज्यपाल बनीं— उत्तर प्रदेश
1302 जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुसार राज्य में अधिकतम कितने समय के लिए राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है— 6 माह
1303 जम्मू-कश्मीर का ‘सदर-ए-रियासत’ पद नाम बदलकर कब राज्यपाल कर दिया गया— 1965 में
1304 राज्य सरकार को भंग कौन कर सकता है— राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति
1305 संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— भाग-9
1306 पंचायती राज व्यवस्था किस पर आधारित है— सत्ता के विकेंद्रीकरण पर
1307 पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है— जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना
1308 किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— नीति-निर्देशक सिद्धांत
1309 संविधान के किस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है— 75वें संशोधन
1310 75वें संशोधन में कौन-सी अनुसूची जोड़ी गई हैं— 11वीं
1311 पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है— राज्य निर्वाचन आयोग
1312 भारत में पंचायती राज अधिनियम कब लागू हुआ— 25 अप्रैल, 1993
1313 सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— नागौर, राजस्थान में
1314 राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— 1959 को
1315 देश के सामाजिक व सांस्कृतिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया— सामुदायिक विकास कार्यक्रम
1316 भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब आरंभ हुआ— 2 अक्टूबर, 1952
1317 किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई— बलवंत राय मेहता समिति
1318 पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है— ग्राम पंचायत
1319 बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है— पंचायत समिति
1320 पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था— अशोक मेहता समिति
1321 पंचायत स्तर पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कौन करता है— ग्राम प्रधान
1322 पंचायती राज विषय किस सूची में है— राज्य सूची में
1323 किस संशोधन में महिलाओं के लिए ग्राम पंचायत में एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गईं— 73वें संशोधन में
1324 पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार की आयु कितनी होनी चाहिए— 21 वर्ष
1325 पंचायती राज संस्थाएँ अपनी निधि हेतु किस पर निर्भर हैं— सरकारी अनुदान पर
1326 एक विकास खंड पर पंचायत समति कैसी होती है— एक प्रशासकीय अभिकरण
1327 भारत में पहला नगर निगम कहाँ स्थापित हुआ— चेन्नई
1328 ग्राम पंचायतों की आय का स्त्रोत क्या है— मेला व बाजार कर
1329 किस राज्य में पंचायती राज प्रणाली नहीं है— अरुणाचल प्रदेश में
1330 पंचायती राज प्रणाली में ग्राम पंचायत का गठन किस स्तर पर होता है— ग्राम स्तर पर
1331 पंचायती राज संस्था का कार्यकाल कितना होता है— 5 वर्ष
1332 73वें संविधान संशोधन में पचायती राज संस्थाओं के लिए किस प्रकार के चुनाव का प्रावधान किया गया— प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान
1333 पंचायत के चुनाव हेतु निर्णय कौन लेता है— राज्य सरकार
1334 पंचायत समिति की गठन किस स्तर पर होता है— प्रखंड स्तर पर
1335 यदि पंचायत को भंग किया जाता है तो पुनः निर्वाचन कितने समय के अंदर आवश्यक है— 6 माह
1336 पहला संशोधन (1951) —इस संशोधन द्वारा नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया।
1337 दूसरा संशोधन (1952) —संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व को निर्धारित किया गया।
1338 सातवां संशोधन (1956) —इस संशोधन द्वारा राज्यों का अ, ब, स और द वर्गों में विभाजन समाप्त कर उन्हें 14 राज्यों और 6 केंद्रशासित क्षेत्रों में विभक्त कर दिया गया।
1339 दसवां संशोधन (1961) —दादरा और नगर हवेली को भारतीय संघ में शामिल कर उन्हें संघीय क्षेत्र की स्थिति प्रदान की गई।
1340 12वां संशोधन (1962) —गोवा, दमन और दीव का भारतीय संघ में एकीकरण किया गया।
1341 13वां संशोधन (1962) —संविधान में एक नया अनुच्छेद 371 (अ) जोड़ा गया, जिसमें नागालैंड के प्रशासन के लिए कुछ विशेष प्रावधान किए गए। 1दिसंबर, 1963 को नागालैंड को एक राज्य की स्थिति प्रदान कर दी गई।
1342 14वां संशोधन (1963) —पांडिचेरी को संघ राज्य क्षेत्र के रूप में प्रथम अनुसूची में जोड़ा गया तथा इन संघ राज्य क्षेत्रों (हिमाचल प्रदेश, गोवा, दमन और दीव, पांडिचेरी और मणिपुर) में विधानसभाओं की स्थापना की व्यवस्था की गई।
1343 21वां संशोधन (1967) —आठवीं अनुसूची में ‘सिंधी’ भाषा को जोड़ा गया।
1344 22वां संशोधन (1968) —संसद को मेघालय को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित करने तथा उसके लिए विधानमंडल और मंत्रिपरिषद का उपबंध करने की शक्ति प्रदान की गई।
1345 24वां संशोधन (1971) —संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन का अधिकार दिया गया।
1346 27वां संशोधन (1971) —उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र के पाँच राज्यों तत्कालीन असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर व त्रिपुरा तथा दो संघीय क्षेत्रों मिजोरम और अरुणालच प्रदेश का गठन किया गया तथा इनमें समन्वय और सहयोग के लिए एक ‘पूर्वोत्तर सीमांत परिषद्’ की स्थापना की गई।
1347 31वां संशोधन (1974) —लोकसभा की अधिकतम सदंस्य संख्या 547 निश्चित की गई। इनमें से 545 निर्वाचित व 2 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होंगे।
1348 36वां संशोधन (1975) —सिक्किम को भारतीय संघ में संघ के 22वें राज्य के रूप में प्रवेश प्रदान किया गया।
1349 37वां संशोधन (1975) —अरुणाचल प्रदेश में व्यवस्थापिका तथा मंत्रिपरिषद् की स्थापना की गई।
1350 42वां संशोधन (1976) —इसे ‘लघु संविधान’ (Mini Constitution) की संज्ञा प्रदान की गई है। —इसके द्वारा संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’, ‘समाजवादी’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए। —इसके द्वारा अधिकारों के साथ-साथ कत्र्तव्यों की व्यवस्था करते हुए नागरिकों के 10 मूल कर्त्तव्य निश्चित किए गए। —लोकसभा तथा विधानसभाओं के कार्यकाल में एक वर्ष की वृद्धि की गई। —नीति-निर्देशक तत्वों में कुछ नवीन तत्व जोड़े गए। —इसके द्वारा शिक्षा, नाप-तौल, वन और जंगली जानवर तथा पक्षियों की रक्षा, ये विषय राज्य सूची से निकालकर समवर्ती सूची में रख दिए गए। —यह व्यवस्था की गई कि अनुच्छेद 352 के अन्तर्गत आपातकाल संपूर्ण देश में लागू किया जा सकता है या देश के किसी एक या कुछ भागों के लिए। —संसद द्वारा किए गए संविधान संशोधन को न्यायालय में चुनौती देने से वर्जित कर दिया गया। —44वां संशोधन (1978) —संपत्ति के मूलाधिकार को समाप्त करके इसे विधिक अधिकार बना दिया गया। —लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं की अवधि पुनः 5 वर्ष कर दी गई। —राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष्ज्ञ के चुनाव विवादों की सुनवाई का अधिकार पुनः सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय को ही दे दिया गया। — मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रपति को जो भी परामार्श दिया जाएगा, राष्ट्रपति मंत्रिमंडल को उस पर दोबारा विचार करने लिए कह सकेंगे लेकिन पुनर्विचार के बाद मंत्रिमंडल राष्ट्रपति को जो भी परामर्श देगा, राष्ट्रपति उस परामर्श को अनिवार्यतः स्वीकार करेंगे। —‘व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार’ को शासन के द्वारा आपातकाल में भी स्थगित या सीमित नहीं किया जा सकता, आदि।
1351 52वां संशोधन (1985) —इस संशेधन द्वारा संविधान में दसवीं अनुसूची जोड़ी गई। इसके द्वारा राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक लगाने की चेष्टा की गई है।
1352 55वां संशोधन (1986) —अरुणाचल प्रदेश को भारतीय संघ के अन्तर्गत राज्य की दर्जा प्रदान किया गया।
1353 56वां संशोधन (1987) —इसमें गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा देने तथा ‘दमन व दीव’ को नया संघीय क्षेत्र बनाने की व्यवस्था है।
1354 61वां संशोधन (1989) —मताधिकार के लिए न्यूनतम आवश्यक आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
1355 65वां संशोधन (1990) —‘अनुसूचित जाति तथा जनजाति आयोग’ के गठन की व्यवस्था की गई।
1356 69वां संशोधन (1991) —दिल्ली का नाम ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र दिल्ली’ किया गया तथा इसके लिए 70 सदस्यीय विधानसभा तथा 7 सदस्यीय मंत्रिमंडल के गठन का प्रावधान किया गया।
1357 70वां संशोधन (1992) —दिल्ली तथा पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्रों की विधानसभाओं के सदस्यों को राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल करने का प्रावधान किया गया।
1358 71वां संशोधन (1992) —तीन और भाषाओं कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया।
1359 73वां संशोधन (1992) —संविधान में एक नया भाग 9 तथा एक नई अनुसूची ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी गई और पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
1360 74वां संशोधन (1993) —संविधान में एक नया भाग 9क और एक नई अनुसूची 12वीं अनुसूची जोड़कर शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
1361 91वां संशोधन (2003) —इसमें दल-बदल विरोधी कानून में संशोधन किया गया।
1362 92वां संशोधन (2003) —इसमें आठवीं अनुसूची में चार और भाषाओं-मैथिली, डोगरी, बोडो और संथाली को जोड़ा गया।
1363 93वां संशोधन (2005) —इसमें एससी/एसटी व ओबीसी बच्चों के लिए गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखने का प्रावधान किया गया।
1364 97वां संशोधन (2011) —इसमें संविधान के भाग 9 में भाग 9ख जोड़ा गया और हर नागरिक को कोऑपरेटिव सोसाइटी के गठन का अधिकार दिया गया।
1365 भारत का संविधान कैसा है— लिखित एंव विश्व का सबसे व्यापक संविधान
1366 भारतीय संविधन का स्वरूप होता है— संरचना में संघात्मक
1367 भारत में किस प्रकार का शासन व्यवस्था अपनाई गई है— ब्रिटिश संसदात्मक प्रणाली
1368 भारतीय संविधान का अभिभावक कौन है— सर्वोच्च न्यायालय
1369 भारत के संविधान में संघीय शब्द की जगह किन शब्दों को स्थान दिया गया है— राज्यों का संघ
1370 भारतीय संविधान में कितनी सूचियाँ हैं— 12
1371 भारतीय संविधान अपना अधिकार किससे प्राप्त करता है— भारतीय जनता से
1372 भारत में वैद्य प्रभुसत्ता किस में निहित है— संविधान में
1373 भारतीय संविधान की संरचना किस प्रकार की है— कुछ एकात्मक, कुछ कठोर
1374 लिखित संविधान की अवधारणा ने कहाँ जन्म लिया— फ्रांस
1375 अध्यक्षात्मक शासन का उदय सर्वप्रथम कहाँ हुआ— संयुक्त राज्य अमेरिका
1376 भारतीय संविधान में नागरिकों को कितने मूल अधिकार प्राप्त है— 6
1377 भारतीय संघीय व्यवस्था की प्रमुख विशेषता क्या है— संविधान की सर्वोच्चता
1378 भारतीय संघवाद व्यवस्था की प्रमुख विशेषता क्या है— संविधान की सर्वोच्चता
1379 भारतीय संघवाद को किसने सहकारी संघवाद कहा— जी. ऑस्टिन ने
1380 भारत में प्रजातंत्र किस तथ्य पर आधरित है— जनता को सरकार चनने व बदलने का अधिकार है
1381 भारतीय संविधान के किस भाग को ‘संविधान की कुँजी’ की संज्ञा दी गई है— प्रस्तावना को
1382 भारत के संविधान की प्रस्तावना या उद्देशिका किन शब्दों से शुरू होती है— हम, भारत के लोग
1383 संविधान निर्माताओं ने सबसे अधिक ध्यान किस पर दिया है— प्रस्तावना पर
1384 भारत के संविधान की प्रस्तावना में प्रथम संशोधन कब हुआ— 1976 ई.
1385 संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत किस प्रकार का राष्ट्र है— धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र
1386 ‘भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है’ इसका क्या अर्थ है— यह किसी निश्चित धर्म का समर्थन नही करता है
1387 42वें संशोधन द्वारा प्रस्तावना में कौन-से शब्द बढ़ाए गए— समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष व अखंडता
1388 ‘भारत एक गणतंत्र’ इसका क्या अर्थ है— भारत में वंशानुगत शासक नहीं है
1389 कौन-सा शब्द संविधान की उद्देशिका में नहीं है— लोक कल्याण
1390 कल्याणकारी राज्य का उद्देश्य क्या है— कमजोर वर्गों के कल्याण का प्रबंध करना
1391 भारत में लौकिक सांर्वभौमिकता हैं क्यों— क्योंकि संविधान की प्रस्तावना ‘हम, भारत के लोग’ से शुरू होती है
1392 भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत के शासन की शक्ति किसके पास है— जनता के पास
1393 भारतीय संविधान की उद्देशिका में परिवर्तन किस संशोधन अधिनियम में किए गए— 42वें संशोधन अधिनियम में
1394 संविधान की प्रस्तावना का वह प्रावधान जो सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार प्रदान करता है क्या कहलाता है— प्रजातंत्र
1395 संविधान की प्रस्तावना में देश को किस नाम से पुकरा गया है— भारत और इंडिया
1396 भारतीय संविधान में किस प्रकार का लोकतंत्र अपनाया गया है— लोकतांत्रिक गणतं
1397 मौलिक अधिकारों की आवश्यक्ता – जिन संविधानों में मौलिक अधिकारों की व्यवस्था नही होती, वह बहुत जल्द ही तानाशाही का साधन बन जाता है। अतः यह राज्य शक्ति पर संविधानिक नियंत्रण के द्वारा व्यक्ति की मूलभूत स्वतंत्रताओं की सुरक्षा करता है।
1398 मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के भाग-3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक वर्णन किया गया है। भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से लिए गये हैं । मौलिक अधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जो किसी व्यक्ति के जीवनयापन हेतु मौलिक एवं अनिवार्य होने के कारण संविधान के द्वारा नागरिकों को प्रदान किये जाते हैं !
1399 ये अधिकार व्यक्ति के मानसिक व भौतिक और नैतिक विकास के लिए आवश्यक है ।
1400 विधि के शासन की स्थापना करना, संविधान में मोैलिक अधिकारों को शामिल करने का एक उद्देश्य है।
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1302 जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुसार राज्य में अधिकतम कितने समय के लिए राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है— 6 माह
1303 जम्मू-कश्मीर का ‘सदर-ए-रियासत’ पद नाम बदलकर कब राज्यपाल कर दिया गया— 1965 में
1304 राज्य सरकार को भंग कौन कर सकता है— राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति
1305 संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— भाग-9
भारतीय संविधान 1500 प्रश्न उत्तर Part 14 |
1306 पंचायती राज व्यवस्था किस पर आधारित है— सत्ता के विकेंद्रीकरण पर
1307 पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है— जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना
1308 किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— नीति-निर्देशक सिद्धांत
1309 संविधान के किस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है— 75वें संशोधन
1310 75वें संशोधन में कौन-सी अनुसूची जोड़ी गई हैं— 11वीं
1311 पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है— राज्य निर्वाचन आयोग
1312 भारत में पंचायती राज अधिनियम कब लागू हुआ— 25 अप्रैल, 1993
1313 सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— नागौर, राजस्थान में
1314 राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— 1959 को
1315 देश के सामाजिक व सांस्कृतिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया— सामुदायिक विकास कार्यक्रम
1316 भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब आरंभ हुआ— 2 अक्टूबर, 1952
1317 किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई— बलवंत राय मेहता समिति
1318 पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है— ग्राम पंचायत
1319 बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है— पंचायत समिति
1320 पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था— अशोक मेहता समिति
1321 पंचायत स्तर पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कौन करता है— ग्राम प्रधान
1322 पंचायती राज विषय किस सूची में है— राज्य सूची में
1323 किस संशोधन में महिलाओं के लिए ग्राम पंचायत में एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गईं— 73वें संशोधन में
1324 पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार की आयु कितनी होनी चाहिए— 21 वर्ष
1325 पंचायती राज संस्थाएँ अपनी निधि हेतु किस पर निर्भर हैं— सरकारी अनुदान पर
1326 एक विकास खंड पर पंचायत समति कैसी होती है— एक प्रशासकीय अभिकरण
1327 भारत में पहला नगर निगम कहाँ स्थापित हुआ— चेन्नई
1328 ग्राम पंचायतों की आय का स्त्रोत क्या है— मेला व बाजार कर
1329 किस राज्य में पंचायती राज प्रणाली नहीं है— अरुणाचल प्रदेश में
1330 पंचायती राज प्रणाली में ग्राम पंचायत का गठन किस स्तर पर होता है— ग्राम स्तर पर
1331 पंचायती राज संस्था का कार्यकाल कितना होता है— 5 वर्ष
1332 73वें संविधान संशोधन में पचायती राज संस्थाओं के लिए किस प्रकार के चुनाव का प्रावधान किया गया— प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान
1333 पंचायत के चुनाव हेतु निर्णय कौन लेता है— राज्य सरकार
1334 पंचायत समिति की गठन किस स्तर पर होता है— प्रखंड स्तर पर
1335 यदि पंचायत को भंग किया जाता है तो पुनः निर्वाचन कितने समय के अंदर आवश्यक है— 6 माह
1336 पहला संशोधन (1951) —इस संशोधन द्वारा नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया।
1337 दूसरा संशोधन (1952) —संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व को निर्धारित किया गया।
1338 सातवां संशोधन (1956) —इस संशोधन द्वारा राज्यों का अ, ब, स और द वर्गों में विभाजन समाप्त कर उन्हें 14 राज्यों और 6 केंद्रशासित क्षेत्रों में विभक्त कर दिया गया।
1339 दसवां संशोधन (1961) —दादरा और नगर हवेली को भारतीय संघ में शामिल कर उन्हें संघीय क्षेत्र की स्थिति प्रदान की गई।
1340 12वां संशोधन (1962) —गोवा, दमन और दीव का भारतीय संघ में एकीकरण किया गया।
1341 13वां संशोधन (1962) —संविधान में एक नया अनुच्छेद 371 (अ) जोड़ा गया, जिसमें नागालैंड के प्रशासन के लिए कुछ विशेष प्रावधान किए गए। 1दिसंबर, 1963 को नागालैंड को एक राज्य की स्थिति प्रदान कर दी गई।
1342 14वां संशोधन (1963) —पांडिचेरी को संघ राज्य क्षेत्र के रूप में प्रथम अनुसूची में जोड़ा गया तथा इन संघ राज्य क्षेत्रों (हिमाचल प्रदेश, गोवा, दमन और दीव, पांडिचेरी और मणिपुर) में विधानसभाओं की स्थापना की व्यवस्था की गई।
1343 21वां संशोधन (1967) —आठवीं अनुसूची में ‘सिंधी’ भाषा को जोड़ा गया।
1344 22वां संशोधन (1968) —संसद को मेघालय को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित करने तथा उसके लिए विधानमंडल और मंत्रिपरिषद का उपबंध करने की शक्ति प्रदान की गई।
1345 24वां संशोधन (1971) —संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन का अधिकार दिया गया।
1346 27वां संशोधन (1971) —उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र के पाँच राज्यों तत्कालीन असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर व त्रिपुरा तथा दो संघीय क्षेत्रों मिजोरम और अरुणालच प्रदेश का गठन किया गया तथा इनमें समन्वय और सहयोग के लिए एक ‘पूर्वोत्तर सीमांत परिषद्’ की स्थापना की गई।
1347 31वां संशोधन (1974) —लोकसभा की अधिकतम सदंस्य संख्या 547 निश्चित की गई। इनमें से 545 निर्वाचित व 2 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होंगे।
1348 36वां संशोधन (1975) —सिक्किम को भारतीय संघ में संघ के 22वें राज्य के रूप में प्रवेश प्रदान किया गया।
1349 37वां संशोधन (1975) —अरुणाचल प्रदेश में व्यवस्थापिका तथा मंत्रिपरिषद् की स्थापना की गई।
1350 42वां संशोधन (1976) —इसे ‘लघु संविधान’ (Mini Constitution) की संज्ञा प्रदान की गई है। —इसके द्वारा संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’, ‘समाजवादी’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए। —इसके द्वारा अधिकारों के साथ-साथ कत्र्तव्यों की व्यवस्था करते हुए नागरिकों के 10 मूल कर्त्तव्य निश्चित किए गए। —लोकसभा तथा विधानसभाओं के कार्यकाल में एक वर्ष की वृद्धि की गई। —नीति-निर्देशक तत्वों में कुछ नवीन तत्व जोड़े गए। —इसके द्वारा शिक्षा, नाप-तौल, वन और जंगली जानवर तथा पक्षियों की रक्षा, ये विषय राज्य सूची से निकालकर समवर्ती सूची में रख दिए गए। —यह व्यवस्था की गई कि अनुच्छेद 352 के अन्तर्गत आपातकाल संपूर्ण देश में लागू किया जा सकता है या देश के किसी एक या कुछ भागों के लिए। —संसद द्वारा किए गए संविधान संशोधन को न्यायालय में चुनौती देने से वर्जित कर दिया गया। —44वां संशोधन (1978) —संपत्ति के मूलाधिकार को समाप्त करके इसे विधिक अधिकार बना दिया गया। —लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं की अवधि पुनः 5 वर्ष कर दी गई। —राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष्ज्ञ के चुनाव विवादों की सुनवाई का अधिकार पुनः सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय को ही दे दिया गया। — मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रपति को जो भी परामार्श दिया जाएगा, राष्ट्रपति मंत्रिमंडल को उस पर दोबारा विचार करने लिए कह सकेंगे लेकिन पुनर्विचार के बाद मंत्रिमंडल राष्ट्रपति को जो भी परामर्श देगा, राष्ट्रपति उस परामर्श को अनिवार्यतः स्वीकार करेंगे। —‘व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार’ को शासन के द्वारा आपातकाल में भी स्थगित या सीमित नहीं किया जा सकता, आदि।
1351 52वां संशोधन (1985) —इस संशेधन द्वारा संविधान में दसवीं अनुसूची जोड़ी गई। इसके द्वारा राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक लगाने की चेष्टा की गई है।
1352 55वां संशोधन (1986) —अरुणाचल प्रदेश को भारतीय संघ के अन्तर्गत राज्य की दर्जा प्रदान किया गया।
1353 56वां संशोधन (1987) —इसमें गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा देने तथा ‘दमन व दीव’ को नया संघीय क्षेत्र बनाने की व्यवस्था है।
1354 61वां संशोधन (1989) —मताधिकार के लिए न्यूनतम आवश्यक आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
1355 65वां संशोधन (1990) —‘अनुसूचित जाति तथा जनजाति आयोग’ के गठन की व्यवस्था की गई।
1356 69वां संशोधन (1991) —दिल्ली का नाम ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र दिल्ली’ किया गया तथा इसके लिए 70 सदस्यीय विधानसभा तथा 7 सदस्यीय मंत्रिमंडल के गठन का प्रावधान किया गया।
1357 70वां संशोधन (1992) —दिल्ली तथा पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्रों की विधानसभाओं के सदस्यों को राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल करने का प्रावधान किया गया।
1358 71वां संशोधन (1992) —तीन और भाषाओं कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया।
1359 73वां संशोधन (1992) —संविधान में एक नया भाग 9 तथा एक नई अनुसूची ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी गई और पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
1360 74वां संशोधन (1993) —संविधान में एक नया भाग 9क और एक नई अनुसूची 12वीं अनुसूची जोड़कर शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
1361 91वां संशोधन (2003) —इसमें दल-बदल विरोधी कानून में संशोधन किया गया।
1362 92वां संशोधन (2003) —इसमें आठवीं अनुसूची में चार और भाषाओं-मैथिली, डोगरी, बोडो और संथाली को जोड़ा गया।
1363 93वां संशोधन (2005) —इसमें एससी/एसटी व ओबीसी बच्चों के लिए गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखने का प्रावधान किया गया।
1364 97वां संशोधन (2011) —इसमें संविधान के भाग 9 में भाग 9ख जोड़ा गया और हर नागरिक को कोऑपरेटिव सोसाइटी के गठन का अधिकार दिया गया।
1365 भारत का संविधान कैसा है— लिखित एंव विश्व का सबसे व्यापक संविधान
1366 भारतीय संविधन का स्वरूप होता है— संरचना में संघात्मक
1367 भारत में किस प्रकार का शासन व्यवस्था अपनाई गई है— ब्रिटिश संसदात्मक प्रणाली
1368 भारतीय संविधान का अभिभावक कौन है— सर्वोच्च न्यायालय
1369 भारत के संविधान में संघीय शब्द की जगह किन शब्दों को स्थान दिया गया है— राज्यों का संघ
1370 भारतीय संविधान में कितनी सूचियाँ हैं— 12
1371 भारतीय संविधान अपना अधिकार किससे प्राप्त करता है— भारतीय जनता से
1372 भारत में वैद्य प्रभुसत्ता किस में निहित है— संविधान में
1373 भारतीय संविधान की संरचना किस प्रकार की है— कुछ एकात्मक, कुछ कठोर
1374 लिखित संविधान की अवधारणा ने कहाँ जन्म लिया— फ्रांस
1375 अध्यक्षात्मक शासन का उदय सर्वप्रथम कहाँ हुआ— संयुक्त राज्य अमेरिका
1376 भारतीय संविधान में नागरिकों को कितने मूल अधिकार प्राप्त है— 6
1377 भारतीय संघीय व्यवस्था की प्रमुख विशेषता क्या है— संविधान की सर्वोच्चता
1378 भारतीय संघवाद व्यवस्था की प्रमुख विशेषता क्या है— संविधान की सर्वोच्चता
1379 भारतीय संघवाद को किसने सहकारी संघवाद कहा— जी. ऑस्टिन ने
1380 भारत में प्रजातंत्र किस तथ्य पर आधरित है— जनता को सरकार चनने व बदलने का अधिकार है
1381 भारतीय संविधान के किस भाग को ‘संविधान की कुँजी’ की संज्ञा दी गई है— प्रस्तावना को
1382 भारत के संविधान की प्रस्तावना या उद्देशिका किन शब्दों से शुरू होती है— हम, भारत के लोग
1383 संविधान निर्माताओं ने सबसे अधिक ध्यान किस पर दिया है— प्रस्तावना पर
1384 भारत के संविधान की प्रस्तावना में प्रथम संशोधन कब हुआ— 1976 ई.
1385 संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत किस प्रकार का राष्ट्र है— धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र
1386 ‘भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है’ इसका क्या अर्थ है— यह किसी निश्चित धर्म का समर्थन नही करता है
1387 42वें संशोधन द्वारा प्रस्तावना में कौन-से शब्द बढ़ाए गए— समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष व अखंडता
1388 ‘भारत एक गणतंत्र’ इसका क्या अर्थ है— भारत में वंशानुगत शासक नहीं है
1389 कौन-सा शब्द संविधान की उद्देशिका में नहीं है— लोक कल्याण
1390 कल्याणकारी राज्य का उद्देश्य क्या है— कमजोर वर्गों के कल्याण का प्रबंध करना
1391 भारत में लौकिक सांर्वभौमिकता हैं क्यों— क्योंकि संविधान की प्रस्तावना ‘हम, भारत के लोग’ से शुरू होती है
1392 भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत के शासन की शक्ति किसके पास है— जनता के पास
1393 भारतीय संविधान की उद्देशिका में परिवर्तन किस संशोधन अधिनियम में किए गए— 42वें संशोधन अधिनियम में
1394 संविधान की प्रस्तावना का वह प्रावधान जो सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार प्रदान करता है क्या कहलाता है— प्रजातंत्र
1395 संविधान की प्रस्तावना में देश को किस नाम से पुकरा गया है— भारत और इंडिया
1396 भारतीय संविधान में किस प्रकार का लोकतंत्र अपनाया गया है— लोकतांत्रिक गणतं
1397 मौलिक अधिकारों की आवश्यक्ता – जिन संविधानों में मौलिक अधिकारों की व्यवस्था नही होती, वह बहुत जल्द ही तानाशाही का साधन बन जाता है। अतः यह राज्य शक्ति पर संविधानिक नियंत्रण के द्वारा व्यक्ति की मूलभूत स्वतंत्रताओं की सुरक्षा करता है।
1398 मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के भाग-3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक वर्णन किया गया है। भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से लिए गये हैं । मौलिक अधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जो किसी व्यक्ति के जीवनयापन हेतु मौलिक एवं अनिवार्य होने के कारण संविधान के द्वारा नागरिकों को प्रदान किये जाते हैं !
1399 ये अधिकार व्यक्ति के मानसिक व भौतिक और नैतिक विकास के लिए आवश्यक है ।
1400 विधि के शासन की स्थापना करना, संविधान में मोैलिक अधिकारों को शामिल करने का एक उद्देश्य है।
भारतीय संविधान सामान्य ज्ञान 1500 प्रश्न उत्तर Part 14
Reviewed by vishal
on
October 18, 2018
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