भौतिक विज्ञान 1500 प्रश्न उत्तर Part 8
701 निर्वात् में प्रकाश की चाल होती है - 3x108 मीटर/सेकेण्ड
702 वे राशियाँ जिनमें दिशा व परिमाण दोनो की आवश्यकता होती है वह सदिश राशियाँ होती है जैसे वेग, बल, त्वरण, विस्थापन आदि।
703 वे राशियाँ जिनमे परिमाण की आवश्यकता होती है अदिश राशियाँ होती है जैस चाल, किलोग्राम, मीटर आदि।
704 एक खगोलीय मात्रक की औसत दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच की है।
705 पटाखों व बारूद में लाल रंग स्ट्राँशियम के कारण होता है।
706 दही को बिलोकर मक्खन निकाला जाता है।तो उसमें अपकेन्द्रण बल लगता है (इलैक्ट्रान नाभिक की परिक्रमा अभिकेन्द्रिय के सिद्वान्त पर करते है)।
707 बैरोमीटर को अविष्कार टौरिसली ने किया था।
708 टेलिस्कोप को अविष्कार गैलीलियो ने किया था।
709 हवाई जहाज का अविष्कार राइट ब्रदर्स ने किया था।
710 हैलीकॉप्टर का अविष्कार ब्रेक्वेट ने किया था।
711 भारी हल्की वस्तुओं को निर्वात् में गिराया जाता है तो दोने साथ साथ गिरती है।
712 दिन के समय पृथ्वी समुद्र के पानी की अपेक्षा बहुत जल्दी गर्म हो जाती है क्योकि जल की विशिष्ट उष्माधारिता बहुत अधिक हाती है।
713 सरल यन्त्र , किसी व्यक्ति की सहायता कम बल का प्रयोग करके भी अधिक मात्रा में काम करने में करता है।
714 आर्यभटट् ने न्यूटन से पूर्व ही बता दिया था कि सभी वस्तुएं पृथ्वी की ओर गुरूत्वाकर्षित होती हैं।
715 जेट इन्जन रेखिक संवेग संरक्षण के सिद्वान्त पर कार्य करता है।
716 चन्द्रमा की सतह से पलायन वेग का मान पृथ्वी की सतह की अपेक्षा कम होता है क्योकि चन्द्रमा की त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या से कम है।
717 साईकिल चालक को प्रारम्भ में अधिक बल लगाना पडता है क्योकि चालक जडत्व पर विजय पाने के लिए अधिक बल लगाता है।
718 पर्वतारोही पर्वतारोहण के समय आगे की ओर झुक जाता है क्योकि उसके गुरूत्व केन्द्र से होकर गुजरने वाली उर्घ्व रेखा उसके आगे झुकने में सन्तुलन की स्थिति में आ जाती हैं।
719 साइकिल चालक मोड पर साइकिल मोडते समय अन्तर की ओर झुकता है क्योकि उसे उपयुक्त अभिकेन्द्रीय बल मिल जाता है।
720 एक समान वृत्तीय गति में त्वरण एंव वेग दोने ही परिवर्ती होते है।
721 टेनिस की गेंद मैदान की अपेक्षा किसी पहाडी पर अधिक ऊची लछलती है क्योकि पर्वतो पर पृथ्वी का गुरूत्वीय त्वरण कम हो जाता हैं।
722 नदी से निकलकर समुद्र में प्रवेश करते ही जहाज कुछ ऊपर उठ जाता है क्योकि समुद्र के जल का घनत्व अधिक होता हैं।
723 यदि पृथ्वी का गुरूत्वीय बल अचानक लुप्त हो जाए , तो वस्तु का भार शून्य हो जायेगा तथा द्रव्यमान वही रहेगा।
724 पृथ्वी के चारो ओर एक विशेष वृत्तीय कक्षा में विभिन्न द्रव्यमान के दो कृत्रिम उपग्रह नियत चाल से घूम सकते है।
725 सरल लोलक का आवर्तकाल दो गुना हो जाएगा, यदि इसकी लम्बाई चार गुना कर दी जाए।
726 एक पिण्ड विराम अवस्था में अचानक समान द्रव्यमान के दो खण्डो में विभक्त हो जाता है।जो गतिशील हो जाते है दोना खण्ड एक दूसरे को विपरीत दिशा में समान वेग से गति करेगें।
727 दोलन करते सरल लोलक की स्थितिज ऊर्जा किनारो की स्थितियों पर अधिकतम होती है।
728 .जव घोडा तागें की खीचता है , तो टांगा पृथ्वी पर घोडे के पैरो द्वारा लगाए गए प्रतिक्रिया बल के कारण आगे बढता है यह न्यूटन के तृतीय नियम पर आधारित है।
729 डबल डेकर बस में ऊपरी डिब्बे में यात्रियो के खडे रहने की अनुमति नहीं दी जाती क्योकि बस का गुरूत्व केन्द्र ऊचा न हो जाए जिससे बस लुढकने की सम्भावना रहती है।
730 ग्रहों की गति के नियम कैपलर ने प्रतिपादित किए थे।
731 घडी में चाबी देने का उद्देश्य उसमें ऊर्जा का भण्डारण करना होता हैं यह ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा कहलाती है।
732 एक वस्तु का भार निर्वात में अधिकतम होगा।
733 स्याही का सोखना , भूमिगत जल का ऊपर चढना , सूती कपडे पर जल की बूॅद का फेलना केशिकत्व के उदाहरण है।
734 जल की सतह पर सुई तैरती है , इसका कारण पृष्ठ तनाव है।
735 गैस के अणुओ की गतिज ऊर्जा 0 कैल्विन ताप पर शून्य होती है।
736 प्रायः तेज ऑधी आने पर फूस की या टीन की हल्की छते उड जाती है क्योकि छत के ऊपर बहने वाली उच्च वेग की वायु छत की सतह पर दाव उत्पन्न कर देती है तथा छत के नीचे दाब सामान्य रहता है।
737 उडते हवाई जहाज में फाउण्टेन पेन की स्याही बाहर बहने लगती है क्योकि कम वायुमण्डल दाब के कारण पेन में स्थित वायु फेलने लगती है।
738 द्रव में अधिक त्रिज्या वाली केशनली में द्रव कम चढता है।
739 सामान्य वायुमण्डलीय दाब 760 मिलीमीटर पारा स्तम्भ होता हैं।
740 प्रेट्रोल में लगी आग को हम पानी से नही बुझा सकते क्योकि पानी भारी होने की वजह से नीचे चला जाता है और पेंट्रोल ऊपरी सतह पर आकर जलता रहता हैं।
741 रेलगाडी के प्लेटफार्म पर बनी लाइन के अन्दर (पीछे)खडा होना चाहिए क्योकि जब ट्रेन आती है तो व्यक्ति आगे निम्न वायुदाब तथा व्यक्ति के पीछे उच्चवायु दाब का क्षेत्र बन जाता है तथा मनुंष्य आगे गिरने का खतरा रहता है।
742 वायुमण्डल में बादलों के तैरने का कारण उनका कम घनत्व है।
743 नलकूप का पानी सर्दियों में गरम और गर्मियों में ठण्डा होता है क्योकि सर्दियों में भूगर्भ से निकलने वाले पानी के तापमान की तुलना में बाहर का तापमान अधिक निम्न होता हैं, गर्मियों में इसके विपरीत होता है।
744 यदि किसी बन्द बर्तन में भरी हुई गैस के गर्म किया जाए तो गैस दाब बढ जाता है क्योकि गैस के अणुओ की गतिज ऊर्जा बढ जाती है और वे बर्तन की दीवारो से जल्दी जल्दी टकराते है।
745 पहाडो पर कभी कभी नाक व मुॅह से खून गिरने लगता है क्योकि ऊचाई बढने के साथ वायुमण्डलीय दाब घटता है।
746 उडान भरने से पहले हवाई जहाज कार्यकारी वायुदाब बढाने के लिए दौडाया जाता हैं।
747 गहराई बढने के साथ द्रव का दाब वढता है इसलिए बाघ की नीचे की दीबार मौटी बनाई जाती है।
748 वायु पम्प हवा भरने के बाद गर्म हो जाता है क्योकि वायु के सम्पीडन के कारण ऊष्मा उत्पन्न होती है।
749 क्र्रान्तिक ताप पर द्रव का पृष्ठ तनाव शून्य हेता है।
750 ताप बढने पर गैस की श्यानता बढती है तथा द्रव की घटती हैं।
751 भारी मशीनो में ग्रेफाइट स्नेहक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
752 आटो माबाइल्स में जलीय ब्रेक पास्कल के सिद्धान्त पर कार्य करता है।
753 मैनोमीटर का प्रयोग गैस का दाब मापने में किया जाता है।
754 फेदोमीटर का प्रयोग समुद्र की गहराई मापने में किया जाता हैं।
755 क्रायोमीटर का प्रयोग निम्न ताप मापने में किया जाता है।
756 डेजीमीटर का प्रयोग गैस का घनत्व मापने में किया जाता है।
757 ब्राहाणड में हाइड्रोजन सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता हैं।
758 मानव शरीर का सामान्य ताप 310 केल्विन होता है।
759 पृथ्वी तथा अन्य ग्रह सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाते है यह सबसे पहले कांपरनिकस ने सिद्व किया था।
760 किसी पदार्थ का क्रान्तिक ताप वह ताप है जिससे अधिक ताप पर गैसीय अवस्था मे उस पदार्थ को कभी भी द्रवित नहीं किया जा सकता है।
761 साइकिल के ट्यूब अधिकतर गर्मियों में फटते है क्याकि गर्मी के कारण ट्यूब में उपस्थित वायु फेलती है और इस फेलाव के कारण ट्यूब फट जाती है।
762 प्रेशर कुकर में खाना कम समय में तैयार हो जाती हैं क्योकि जल का क्वथनांक बढ जाता है।
763 ऊष्मा का सर्वोत्तम चालक पारा है।
764 ब्राहाण्ड में न्यूनतम सम्भव ताप -273 डिग्री सें॰ है।
765 द्रव पातमापी की अपेक्षा गेस तापमापी अधिक सुग्राहक होते है, क्योकि गैसो में द्रव की अपेक्षा अधिक ऊष्मीय प्रसार होता हैं।
766 चावल को पकाने में ऊचे स्थान पर अधिक समय लगता है क्योकि वहाँ निम्न वायुदाव रहता है।
767 ठण्डे स्थानों पर जल के पाइप अधिक ठण्ड में फट सकते है क्योकि जब जल जमता है तो इसका आयतन बढ जाता है।
768 ऊष्मा विकिरण प्रक्रिया से सर्वाधिक तीब्र गति से स्थानान्तरित होती है।
769 पारा तापमापी 212 डिग्री सें॰ ताप तक मापन में प्रयुक्त होते है।
770 कमरे में रखे हुए एक चालू र्रेंफ्रजरेटर के दरवाजे खुले छोड दिए जाए तो कमरे का ताप बढता है।
771 जल का क्वथंनाक जल की खुली सतह के ऊपर के दाब पर निर्थर करता है।
772 यदि जल को 10 डिग्री से॰ से 0 डिग्री से॰ तक ठण्डा किया जाए तो जल का आयतन 4 डिग्री से॰ तक तो कम होगा फिर बढेगा।
773 यदि वस्तु का ताप धीरे धीरे कम किया जाए , तो उस वस्तु के पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा धारिता अपरिवर्तित रहती है।
774 पूर्ण आन्तरिक परावर्तन तब होता है , जब प्रकाश हीरे से काँच में जाता है।
775 यदि लेन्स द्वारा देखने पर अक्षरों का आकार छोटा दिखाई देता है तो वह लेन्स अवतल लेन्स है।
776 एक रेडियो दूरदर्शी में उच्च केणीय विभेदन क्षमता होती है परवलयाकार डिश एयिरल होता है , ग्रहों तथा तारें की जानकारी अधिक विस्तार से देता हैं।
777 रंग का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।
778 प्रिज्म द्वारा बैगनी रंग का विचलन अधिकतम होती है।
779 अवरक्त विद्युत चुम्बकीय तरंग की तरंगदैर्ध्य अधिकतम होती है।
780 प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश अपने घटक रंगों में विक्षेपित हो जाता है , क्योकि विभिन्न रंगों की किरण विभि न्न कोणों पर विचलित हो जाती है।
781 लाल किरणें नीले प्रकाश से तरंग दैर्ध्य में भिन्न होता है।
782 संध्या के समय , जब सूर्य क्षितिज से नीचे चला जाता है तो वह कुछ समय तक दिखाई देता रहता है। क्योकि पृथ्वी के समीप की वायु ऊपरी वायु से अधिक सघन होती है।
783 सूक्ष्मीदर्शी के अभिदृश्यक की फोकस नेत्रिका की फोकस दूरी से अधिक दूरी है।
784 यदि संडक पर खडे हुए व्यक्ति को अपने सामने लगी हुई शीशे की खिडकी में अपना प्रतिबिम्ब बडा दिखाई देता है तो वह उस शीशे के अन्दर की ओर उत्तल होता है।
785 प्रोफेसर रमन को प्रकाश के प्रकीर्णन के लिए नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
786 लेसर, कलासम्बद्ध प्रकाश का उच्च तीव्रता का पुंज उत्पन्न करने की युक्ति है।
787 दाँत के डाक्टर का दर्पण अवतल होता हैं।
788 किसी वस्तु के त्रिविमीय प्रतिबिम्ब के उत्पन्न करने व रिकार्ड करने की तकनीकि को होलाग्राफी कहते है।
789 प्रकाश तरंगों के वायु से काँच में जाने पर जो चर प्रभावित होती है वे है तरंगदैर्ध्य और वेग।
790 हम प्रतिध्वनि ध्वनि तरंगो के परावर्तन के कारण सुनते है।
791 अप्रगामी तरंगे ऊर्जा वहन नहीं करती है।
792 सितार के तार में अप्रगामी अनुप्रस्थ तरगें उत्पन्न होती है।
793 सितार तथा वाणी के बजाए गए समान स्वर गुणता में भिन्न होते है तथा मनुष्य की आवाज पिच में भिन्न होती है।
794 20000 हर्ज से अधिक आवृति की अनुदैर्ध्य तरंगों से उत्पन्न ध्वनि पराष्रव्य ध्वनि कहते है।
795 जब हम कमरे के अन्दर बैठे होते है तब हमें दूसरे कमरे का शोर विवर्तन के कारण सुनाई देता है।
796 किसी प्रतिध्वनि को सुनने के लिए मूल आवाज और प्रतिध्वनि की बीच का समय अन्तराल 1/10 सेंकण्ड से अधिक होता है।
797 ध्वनि स्वर की पिच आवृति पर निर्भर करती है।
798 0 डिग्री सें॰ पर वायु में ध्वनि की चाल लगभग 332 मीटर प्रति सें॰ होती है।
799 किसी गैस में उत्पन्न ध्वनि तरंग सदैव अनुदैर्ध्य होती है।
800 ध्वनि तरंगे निर्वात में नही चल सकती है।
702 वे राशियाँ जिनमें दिशा व परिमाण दोनो की आवश्यकता होती है वह सदिश राशियाँ होती है जैसे वेग, बल, त्वरण, विस्थापन आदि।
703 वे राशियाँ जिनमे परिमाण की आवश्यकता होती है अदिश राशियाँ होती है जैस चाल, किलोग्राम, मीटर आदि।
704 एक खगोलीय मात्रक की औसत दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच की है।
705 पटाखों व बारूद में लाल रंग स्ट्राँशियम के कारण होता है।
706 दही को बिलोकर मक्खन निकाला जाता है।तो उसमें अपकेन्द्रण बल लगता है (इलैक्ट्रान नाभिक की परिक्रमा अभिकेन्द्रिय के सिद्वान्त पर करते है)।
707 बैरोमीटर को अविष्कार टौरिसली ने किया था।
708 टेलिस्कोप को अविष्कार गैलीलियो ने किया था।
709 हवाई जहाज का अविष्कार राइट ब्रदर्स ने किया था।
710 हैलीकॉप्टर का अविष्कार ब्रेक्वेट ने किया था।
711 भारी हल्की वस्तुओं को निर्वात् में गिराया जाता है तो दोने साथ साथ गिरती है।
712 दिन के समय पृथ्वी समुद्र के पानी की अपेक्षा बहुत जल्दी गर्म हो जाती है क्योकि जल की विशिष्ट उष्माधारिता बहुत अधिक हाती है।
713 सरल यन्त्र , किसी व्यक्ति की सहायता कम बल का प्रयोग करके भी अधिक मात्रा में काम करने में करता है।
714 आर्यभटट् ने न्यूटन से पूर्व ही बता दिया था कि सभी वस्तुएं पृथ्वी की ओर गुरूत्वाकर्षित होती हैं।
715 जेट इन्जन रेखिक संवेग संरक्षण के सिद्वान्त पर कार्य करता है।
716 चन्द्रमा की सतह से पलायन वेग का मान पृथ्वी की सतह की अपेक्षा कम होता है क्योकि चन्द्रमा की त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या से कम है।
717 साईकिल चालक को प्रारम्भ में अधिक बल लगाना पडता है क्योकि चालक जडत्व पर विजय पाने के लिए अधिक बल लगाता है।
718 पर्वतारोही पर्वतारोहण के समय आगे की ओर झुक जाता है क्योकि उसके गुरूत्व केन्द्र से होकर गुजरने वाली उर्घ्व रेखा उसके आगे झुकने में सन्तुलन की स्थिति में आ जाती हैं।
719 साइकिल चालक मोड पर साइकिल मोडते समय अन्तर की ओर झुकता है क्योकि उसे उपयुक्त अभिकेन्द्रीय बल मिल जाता है।
720 एक समान वृत्तीय गति में त्वरण एंव वेग दोने ही परिवर्ती होते है।
721 टेनिस की गेंद मैदान की अपेक्षा किसी पहाडी पर अधिक ऊची लछलती है क्योकि पर्वतो पर पृथ्वी का गुरूत्वीय त्वरण कम हो जाता हैं।
722 नदी से निकलकर समुद्र में प्रवेश करते ही जहाज कुछ ऊपर उठ जाता है क्योकि समुद्र के जल का घनत्व अधिक होता हैं।
723 यदि पृथ्वी का गुरूत्वीय बल अचानक लुप्त हो जाए , तो वस्तु का भार शून्य हो जायेगा तथा द्रव्यमान वही रहेगा।
724 पृथ्वी के चारो ओर एक विशेष वृत्तीय कक्षा में विभिन्न द्रव्यमान के दो कृत्रिम उपग्रह नियत चाल से घूम सकते है।
725 सरल लोलक का आवर्तकाल दो गुना हो जाएगा, यदि इसकी लम्बाई चार गुना कर दी जाए।
726 एक पिण्ड विराम अवस्था में अचानक समान द्रव्यमान के दो खण्डो में विभक्त हो जाता है।जो गतिशील हो जाते है दोना खण्ड एक दूसरे को विपरीत दिशा में समान वेग से गति करेगें।
727 दोलन करते सरल लोलक की स्थितिज ऊर्जा किनारो की स्थितियों पर अधिकतम होती है।
728 .जव घोडा तागें की खीचता है , तो टांगा पृथ्वी पर घोडे के पैरो द्वारा लगाए गए प्रतिक्रिया बल के कारण आगे बढता है यह न्यूटन के तृतीय नियम पर आधारित है।
729 डबल डेकर बस में ऊपरी डिब्बे में यात्रियो के खडे रहने की अनुमति नहीं दी जाती क्योकि बस का गुरूत्व केन्द्र ऊचा न हो जाए जिससे बस लुढकने की सम्भावना रहती है।
730 ग्रहों की गति के नियम कैपलर ने प्रतिपादित किए थे।
731 घडी में चाबी देने का उद्देश्य उसमें ऊर्जा का भण्डारण करना होता हैं यह ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा कहलाती है।
732 एक वस्तु का भार निर्वात में अधिकतम होगा।
733 स्याही का सोखना , भूमिगत जल का ऊपर चढना , सूती कपडे पर जल की बूॅद का फेलना केशिकत्व के उदाहरण है।
734 जल की सतह पर सुई तैरती है , इसका कारण पृष्ठ तनाव है।
735 गैस के अणुओ की गतिज ऊर्जा 0 कैल्विन ताप पर शून्य होती है।
736 प्रायः तेज ऑधी आने पर फूस की या टीन की हल्की छते उड जाती है क्योकि छत के ऊपर बहने वाली उच्च वेग की वायु छत की सतह पर दाव उत्पन्न कर देती है तथा छत के नीचे दाब सामान्य रहता है।
737 उडते हवाई जहाज में फाउण्टेन पेन की स्याही बाहर बहने लगती है क्योकि कम वायुमण्डल दाब के कारण पेन में स्थित वायु फेलने लगती है।
738 द्रव में अधिक त्रिज्या वाली केशनली में द्रव कम चढता है।
739 सामान्य वायुमण्डलीय दाब 760 मिलीमीटर पारा स्तम्भ होता हैं।
740 प्रेट्रोल में लगी आग को हम पानी से नही बुझा सकते क्योकि पानी भारी होने की वजह से नीचे चला जाता है और पेंट्रोल ऊपरी सतह पर आकर जलता रहता हैं।
741 रेलगाडी के प्लेटफार्म पर बनी लाइन के अन्दर (पीछे)खडा होना चाहिए क्योकि जब ट्रेन आती है तो व्यक्ति आगे निम्न वायुदाब तथा व्यक्ति के पीछे उच्चवायु दाब का क्षेत्र बन जाता है तथा मनुंष्य आगे गिरने का खतरा रहता है।
742 वायुमण्डल में बादलों के तैरने का कारण उनका कम घनत्व है।
743 नलकूप का पानी सर्दियों में गरम और गर्मियों में ठण्डा होता है क्योकि सर्दियों में भूगर्भ से निकलने वाले पानी के तापमान की तुलना में बाहर का तापमान अधिक निम्न होता हैं, गर्मियों में इसके विपरीत होता है।
744 यदि किसी बन्द बर्तन में भरी हुई गैस के गर्म किया जाए तो गैस दाब बढ जाता है क्योकि गैस के अणुओ की गतिज ऊर्जा बढ जाती है और वे बर्तन की दीवारो से जल्दी जल्दी टकराते है।
745 पहाडो पर कभी कभी नाक व मुॅह से खून गिरने लगता है क्योकि ऊचाई बढने के साथ वायुमण्डलीय दाब घटता है।
746 उडान भरने से पहले हवाई जहाज कार्यकारी वायुदाब बढाने के लिए दौडाया जाता हैं।
747 गहराई बढने के साथ द्रव का दाब वढता है इसलिए बाघ की नीचे की दीबार मौटी बनाई जाती है।
748 वायु पम्प हवा भरने के बाद गर्म हो जाता है क्योकि वायु के सम्पीडन के कारण ऊष्मा उत्पन्न होती है।
749 क्र्रान्तिक ताप पर द्रव का पृष्ठ तनाव शून्य हेता है।
750 ताप बढने पर गैस की श्यानता बढती है तथा द्रव की घटती हैं।
751 भारी मशीनो में ग्रेफाइट स्नेहक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
752 आटो माबाइल्स में जलीय ब्रेक पास्कल के सिद्धान्त पर कार्य करता है।
753 मैनोमीटर का प्रयोग गैस का दाब मापने में किया जाता है।
754 फेदोमीटर का प्रयोग समुद्र की गहराई मापने में किया जाता हैं।
755 क्रायोमीटर का प्रयोग निम्न ताप मापने में किया जाता है।
756 डेजीमीटर का प्रयोग गैस का घनत्व मापने में किया जाता है।
757 ब्राहाणड में हाइड्रोजन सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता हैं।
758 मानव शरीर का सामान्य ताप 310 केल्विन होता है।
759 पृथ्वी तथा अन्य ग्रह सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाते है यह सबसे पहले कांपरनिकस ने सिद्व किया था।
760 किसी पदार्थ का क्रान्तिक ताप वह ताप है जिससे अधिक ताप पर गैसीय अवस्था मे उस पदार्थ को कभी भी द्रवित नहीं किया जा सकता है।
761 साइकिल के ट्यूब अधिकतर गर्मियों में फटते है क्याकि गर्मी के कारण ट्यूब में उपस्थित वायु फेलती है और इस फेलाव के कारण ट्यूब फट जाती है।
762 प्रेशर कुकर में खाना कम समय में तैयार हो जाती हैं क्योकि जल का क्वथनांक बढ जाता है।
763 ऊष्मा का सर्वोत्तम चालक पारा है।
764 ब्राहाण्ड में न्यूनतम सम्भव ताप -273 डिग्री सें॰ है।
765 द्रव पातमापी की अपेक्षा गेस तापमापी अधिक सुग्राहक होते है, क्योकि गैसो में द्रव की अपेक्षा अधिक ऊष्मीय प्रसार होता हैं।
766 चावल को पकाने में ऊचे स्थान पर अधिक समय लगता है क्योकि वहाँ निम्न वायुदाव रहता है।
767 ठण्डे स्थानों पर जल के पाइप अधिक ठण्ड में फट सकते है क्योकि जब जल जमता है तो इसका आयतन बढ जाता है।
768 ऊष्मा विकिरण प्रक्रिया से सर्वाधिक तीब्र गति से स्थानान्तरित होती है।
769 पारा तापमापी 212 डिग्री सें॰ ताप तक मापन में प्रयुक्त होते है।
770 कमरे में रखे हुए एक चालू र्रेंफ्रजरेटर के दरवाजे खुले छोड दिए जाए तो कमरे का ताप बढता है।
771 जल का क्वथंनाक जल की खुली सतह के ऊपर के दाब पर निर्थर करता है।
772 यदि जल को 10 डिग्री से॰ से 0 डिग्री से॰ तक ठण्डा किया जाए तो जल का आयतन 4 डिग्री से॰ तक तो कम होगा फिर बढेगा।
773 यदि वस्तु का ताप धीरे धीरे कम किया जाए , तो उस वस्तु के पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा धारिता अपरिवर्तित रहती है।
774 पूर्ण आन्तरिक परावर्तन तब होता है , जब प्रकाश हीरे से काँच में जाता है।
775 यदि लेन्स द्वारा देखने पर अक्षरों का आकार छोटा दिखाई देता है तो वह लेन्स अवतल लेन्स है।
776 एक रेडियो दूरदर्शी में उच्च केणीय विभेदन क्षमता होती है परवलयाकार डिश एयिरल होता है , ग्रहों तथा तारें की जानकारी अधिक विस्तार से देता हैं।
777 रंग का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।
778 प्रिज्म द्वारा बैगनी रंग का विचलन अधिकतम होती है।
779 अवरक्त विद्युत चुम्बकीय तरंग की तरंगदैर्ध्य अधिकतम होती है।
780 प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश अपने घटक रंगों में विक्षेपित हो जाता है , क्योकि विभिन्न रंगों की किरण विभि न्न कोणों पर विचलित हो जाती है।
781 लाल किरणें नीले प्रकाश से तरंग दैर्ध्य में भिन्न होता है।
782 संध्या के समय , जब सूर्य क्षितिज से नीचे चला जाता है तो वह कुछ समय तक दिखाई देता रहता है। क्योकि पृथ्वी के समीप की वायु ऊपरी वायु से अधिक सघन होती है।
783 सूक्ष्मीदर्शी के अभिदृश्यक की फोकस नेत्रिका की फोकस दूरी से अधिक दूरी है।
784 यदि संडक पर खडे हुए व्यक्ति को अपने सामने लगी हुई शीशे की खिडकी में अपना प्रतिबिम्ब बडा दिखाई देता है तो वह उस शीशे के अन्दर की ओर उत्तल होता है।
785 प्रोफेसर रमन को प्रकाश के प्रकीर्णन के लिए नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
786 लेसर, कलासम्बद्ध प्रकाश का उच्च तीव्रता का पुंज उत्पन्न करने की युक्ति है।
787 दाँत के डाक्टर का दर्पण अवतल होता हैं।
788 किसी वस्तु के त्रिविमीय प्रतिबिम्ब के उत्पन्न करने व रिकार्ड करने की तकनीकि को होलाग्राफी कहते है।
789 प्रकाश तरंगों के वायु से काँच में जाने पर जो चर प्रभावित होती है वे है तरंगदैर्ध्य और वेग।
790 हम प्रतिध्वनि ध्वनि तरंगो के परावर्तन के कारण सुनते है।
791 अप्रगामी तरंगे ऊर्जा वहन नहीं करती है।
792 सितार के तार में अप्रगामी अनुप्रस्थ तरगें उत्पन्न होती है।
793 सितार तथा वाणी के बजाए गए समान स्वर गुणता में भिन्न होते है तथा मनुष्य की आवाज पिच में भिन्न होती है।
794 20000 हर्ज से अधिक आवृति की अनुदैर्ध्य तरंगों से उत्पन्न ध्वनि पराष्रव्य ध्वनि कहते है।
795 जब हम कमरे के अन्दर बैठे होते है तब हमें दूसरे कमरे का शोर विवर्तन के कारण सुनाई देता है।
796 किसी प्रतिध्वनि को सुनने के लिए मूल आवाज और प्रतिध्वनि की बीच का समय अन्तराल 1/10 सेंकण्ड से अधिक होता है।
797 ध्वनि स्वर की पिच आवृति पर निर्भर करती है।
798 0 डिग्री सें॰ पर वायु में ध्वनि की चाल लगभग 332 मीटर प्रति सें॰ होती है।
799 किसी गैस में उत्पन्न ध्वनि तरंग सदैव अनुदैर्ध्य होती है।
800 ध्वनि तरंगे निर्वात में नही चल सकती है।
भौतिक विज्ञान 1500 प्रश्न उत्तर Part 8
Reviewed by vishal
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October 19, 2018
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